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बिना जन्म प्रमाण पत्र के बच्चो के आधार कार्ड बनाने पर लगी रोक

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यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने आधार कार्ड के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। बच्चों और बड़ों के आधार कार्ड मे फर्जीवाड़े को देखते हुए स्कूल कार्ड, प्रधानाध्यापक, पार्षद, विधायक और सांसद द्वारा सत्यापन पर रोक लगा दी गई है।

अब से पहले 0 से 05 पांच साल तक के बच्चों के आधार कार्ड के लिए अभिभावकों को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती थी। यूआईडीएआई के फार्म पर स्कूल कार्ड, स्कूल प्रधानाचार्य और जनप्रतिनिधि द्वारा सत्यापित कर दिया जाता था। सत्यापित फार्म के साथ माता-पिता का आधार कार्ड को लगाकर बच्चे का आधार कार्ड जारी हो जाता था। जबकि 05 से 18 वर्ष के लोगो के लिए भी आधार कार्ड में भी यही नियम थे, लेकिन इस प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है ।

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ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा मैनेजर पीयूष चौधरी ने बताया कि बच्चों की जन्मतिथि को लेकर समस्याए बनी रहती थी। इसीलिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य किया गया है। हालांकि आधार कार्ड में पता संशोधन कराने के लिए आवेदकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा ऐसे लोग पार्षद, विधायक, सांसद, तहसीलदार या किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित स्टैंडर्ड फार्म द्वारा पते मे बदलाव कर सकते हैं।अब जनप्रतिनिधियों द्वारा सत्यापित फार्म सिर्फ पता प्रमाणित करने के काम आएगा।

बच्चों के आधार कार्ड जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र से ही बनाए जाएंगे जबकि 05 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को सरकारी प्रमाण पत्रों की आवश्यकता है। इन प्रमाण पत्रों मे भारतीय पासपोर्ट, पैनकार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी सेवा का पहचान पत्र, पेंशनर फोटो आईडी, स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र, सरकारी मेडिक्लेम कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, एसटी, एससी, ओबीसी प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त बोर्ड और यूनिवर्सिटी से जारी मार्कशीट ही मान्य है। इन दस्तावेजो के आधार पर ही आधार कार्ड जारी किया जाएगा।

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