शरीर की किसी हड्डी में दर्द है तो बढ़ा आस्टियोपोरोसिस का खतरा
स्वास्थ्य

अगर कमर, गर्दन, घुटने या शरीर के किसी भी हिस्से की हड्डियों में दर्द है तो यह आस्टियोपोरोसिस हो सकता है। इससे हड्डियां कमजोर होती है और फ्रैक्चर का खतरा भी हो सकता है।खास बात यह है कि इस बीमारी की चपेट में तेजी से नोजवान भी आ रहे हैं यानी कम उम्र में ही युवाओं की हड्डियां कमजोर होना शुरू हो गई हैं।
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इसका अधिक शिकार हो रही हैं। गर्भवती महिलाओं में पेट में पल रहे शिशु के विकास के चलते अधिकतर महिलाएं कैल्शियम की कमी का शिकार हो जाती हैं और उचित खानपान नहीं होने से बाद में आस्टियोपोरोसिस का शिकार हो जाती हैं।
चिकित्सकों के अनुसार आस्टियोपोरोसिस हृदय रोग के बाद दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है। इस बीमारी की चपेट में महिलाओं की संख्या अधिक है। आंकड़ों की बात करें तो 9 में से एक पुरुष और 5 में से एक महिला इससे पीड़ित है। बिना चोट के भी हड्डियां टूट सकती हैं। क्योंकि महिलाओ मे व्यायाम करने की इच्छा बहुत कम होती है ।
अब पहले यह बीमारी अधिकतर 30 से 60 साल तक के लोगों में देखने को मिलती थी। लेकिन अब ये बीमारी 30 से कम उम्र वालों में भी मिल रही है। इसमें हड्डियां कमजोर होती जाती हैं। उम्र बढ़ने के साथ कोशिकाओं का विनाश होता रहता है। निर्माण से ज्यादा विनाश होने के कारण इससे हड्डियों के पोषक तत्व कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन डी, खनिज पदार्थों की शरीर में कमी हो जाती है। हड्डियों का क्षय तेजी से होने लगता है। ऐसे में जरा सी चोट से फ्रैक्चर का खतरा रहता है।
कई मामलों में बिना चोट के भी हड्डियां टूट सकती हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञों के यहां होने वाली ओपीडी में नोजवान मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। अधिकांश युवको को हड्डियों में दर्द की शिकायत सामने आ रही है।
हड्डी कमजोर होने के क्या है कारण
किस तरह किया जा सकता है बचाव
कैल्शियम, विटामिन डी, मिनरल और प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन जरूर करे ।
पनीर, पत्तेदार सब्जियां, बादाम, दूध, टमाटर, अंजीर, ब्रोकली, तिल, संतरा, आंवला, सोयाबीन, अंडे, मछली उत्पाद, डेयरी उत्पाद, गाजर, दलिया को दैनिक भोजन मे अवश्य शामिल करे।