आंगनवाडी केंद्रों के लिए 75.50 लाख का बजट हुआ जारी

मैनपुरी जिले मे बाल विकास विभाग द्वारा 1032 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे है जिसमे परिषदीय स्कूलो मे चलने वाले 302 को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था नहीं है। इसी साल जनवरी माह मे बजट जारी होने के बाद भी फर्नीचर की ख़रीदारी नहीं की गयी है।
लेकिन अब दुबारा राज्य परियोजना निदेशालय द्वारा जिले के परिषदीय स्कूलों से कोलोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची मांगी गयी है जिसमे स्कूलों में संचालित 302 को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया गया है।
बेसिक स्कूलों में संचालित को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की जायेगी। जिले के चयनित 302 कोलोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों पर फर्नीचर की व्यवस्था के लिए 75.50 लाख रुपये का बजट जारी किया गया है।
बीएसए दीपिका गुप्ता का कहना है शासन से बजट मिल गया है अब केन्द्रो के फर्नीचर की व्यवस्था के लिए कार्यदायी संस्था को नामित कर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद कोलोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए फर्नीचर को भेजा जायेगा। हर आंगनवाड़ी केंद्रों पर 25 हजार रुपये प्रति विद्यालय का प्रस्ताव राज्य परियोजना को भेजा गया था।
जिले के 662 आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभी भी बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी-मेज उपलब्ध नहीं है जबकि बाल विकास निदेशालय द्वारा विभागीय बजट से खिलौने एवं अन्य सामग्रियां उपलब्ध करा दी गई हैं। लेकिन केंद्र मे पढ़ने वाले बच्चे कुर्सी-मेज से वंचित है।
बाल विकास निदेशालय द्वारा जिले मे 75 आंगनबाड़ी केंद्रों को कायाकल्प द्वारा लर्निंग लैब के रूप में बनाया जाना था, जिसमे 66 आंगनवाड़ी केन्द्रो का स्वरूप बदल दिया गया है जबकि 9 आंगनवाड़ी केंद्रों का कार्य अभी शुरू भी नहीं हुआ है।