भारत जनगणना 2025 कैसी होगी, जातिगत समेत 31 प्रश्नों की पूरी जानकारी पढ़े

देश में जनगणना अगले साल से शुरू होने की सुगबुगाहट हो चुकी है। सूत्रो की माने तो यह जनगणना 2025 से 2026 तक चलेगी। वैसे अभी सरकार की तरफ से आधिकारिक कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है। विपक्षी दलो की मुख्य मांग जातीय जनगणना को लेकर भी कोई फैसला नहीं किया गया है।
इस जनगणना मे संप्रदाय की जानकारी हासिल करना जैसे धर्म विशेष में कौन किस संप्रदाय का है इसे शामिल करने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। कई बिंदुओं को तय करने के बाद जनगणना का आधिकारिक कार्यक्रम घोषित किया जायेगा लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि अगले वर्ष जनगणना की शुरुआत हो जाएगी।
जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन भी बदल जायेगा इसके लिए परिसीमन का कार्यक्रम 2026 से 2028 तक चलाया जायेगा। नए परिसीमन के आधार 2029 का लोकसभा चुनाव होगा। भारत में पिछली बार जनगणना 2011 में की गई थी। इसके बाद 2021 में जनगणना की जानी थी लेकिन कोविड-19 के कारण इसको टाल दिया गया।
भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई थी। उसके बाद देश आजाद होने की पहली जनगणना भारत सरकार ने 1951 में कराई थी। और आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी। जिसमे भारत की जनसंख्या 121.1 करोड़ थी, जिसमें 52% पुरुष, 48% महिलाएं थीं।
जनगणना के डेटा रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया 2025 में शुरू होगी ,जिसके आंकड़े 2026 में उपलब्ध होंगे। देश मे नियमानुसार हर 10 साल में जनगणना की जाती है। अब इसके बाद जनगणना 2035 में होगी।
कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। रमेश ने कहा कि महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यकाल को विस्तार देने लिए अधिसूचित किया गया है। जिससे उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द जनगणना होने की उम्मीद है।
हर परिवार से पूछे जा सकते हैं 31 प्रश्न
परिवार के कुल सदस्यो की संख्या
घर की मुखिया महिला है या नहीं
परिवार के पास कितने कमरे हैं
विवाहित जोड़ों की संख्या कितनी हैं
परिवार मे टेलीफोन, इंटरनेट, मोबाइल या स्मार्टफोन
परिवार मे साइकिल, स्कूटर या मोटरसाइकिल, कार, या अन्य वाहन
वे घर में क्या अनाज खाते हैं, पानी का मुख्य स्रोत क्या है
लाइट का मुख्य स्रोत, शौचालय प्रकार स्नान सुविधा उपलब्धता
रेडियो, ट्रांजिस्टर, टेलीविजन आदि की उपलब्धता है या नहीं
रसोई और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन उपलब्धता, खाने के लिए मुख्य ईंधन